Output Devices Kya Hai, नमस्कार दोस्तो एक बार फिर से मै आपका मेरी website पर स्वागत करता हूँ। आशा कर्ता हु की आपको मेरी post पसंद आ रही होगी। एक बार फिर मै आपके लिए ऐसा टॉपिक लेकर आया हूँ, जो आपके लिए बहुत ही जानकारी वाला होगा। आज के इस पोस्ट मे मै आपको कम्प्युटर के Output Devices के बारे मे पूरी जानकारी दूंगा। हम आपको बताएँगे की Output Devices क्या है, और output Devices कौन कौन सी है। तथा Output Devices के क्या-क्या काम है। आज हम इस पोस्ट मे Output Devices के बारे मे पूरी जानकारी विस्तार से पढ़ेंगे। चलिए दोस्तो आज आज का हमारा टॉपिक Output Devices के बारे मै जानते है, कम्प्युटर मे कुछ Input Devices होती है, तथा कुछ Output Devices होती है। कम्प्युटर के हर पार्ट का अपना अलग-अलग काम होता है।
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Output Devices Kya Hai
Output Devices वह Devices होते है, जो हमारे कम्प्युटर से जुड़े होते है, और जो किसी भी प्रकार के कार्य(काम/Task) का Output देते है। हम इनपुट डिवाइस के जरिए अपने कम्प्युटर को किसी भी प्रकार का कार्य या आदेश देते है और कम्प्युटर को वह कार्य देने के बाद कम्प्युटर उस कार्य को CPU के जरिए उस कार्य की processing होती है, और processing होने के बाद Output Devices मे देखने को मिलता है। बिना output devices के हम अपने कम्प्युटर से किसी भी प्रकार के आउटपूट हम हासिल नहीं कर सकते।
साधारण भाषा मे अगर बात करे तो जो Devices हमे किसी भी प्रकार का आउटपुट देती है या जिस भी डिवाइस से हमे किसी प्रकार का आउटपुट मिलता है। उसे Output devices कहते है। जैसे कोई डॉक्यूमेंट, प्रिंट, म्यूजिक प्ले होना या किसी भी कार्य का परिणाम मिलना उन सब Devices को हम Output Devices कहते है।
चलिए दोस्तो अब हम Output Devices के बारे मै पढ़ते है। की Output Devices कौन-कौन सी है तथा Output Devices के कार्यो के बारे में पढ़ते है।
मॉनिटर
प्रिन्टर
स्पीकर
मल्टीमीडिया प्रोजेक्ट
मॉनिटर–
आउटपुट की सोफ़र कॉपी क डिस्प्ले करने के लीए सबसे लोकप्रिय डिवाइस एक मॉनिटर है। यूजर मॉनिटर के द्वारा आउटपुट को स्क्रीन पर देख और पढ़ सकते है।
मॉनिटर के प्रकार तथा उनके कार्य इस प्रकार है-
CRT मॉनिटर-
CRT मॉनिटर एक परंपरागत आउटपुट डिवाइस रहा है। ये एक टीवी के समान होता है। एक CRT मॉनिटर एक बड़ी कैपोड रे ट्यूब होती है, जो की अलग अलग पावर की इलेक्ट्रॉन बीम का उपयोग करके स्क्रीन के ऊपर पिक्चर बनती है। मॉनिटर स्क्रीन का आकार विकीर्ण (Cliagonally) रूप में इंच मापा जाता है। मॉनिटर कितने पिक्सल्स स्क्रीन पर होरीजोंटेली एव वर्ट्टिकल प्रदर्शित कर सकता है। ये उसका रिजोल्यूशन कहलाता है। उदाहरण के तौर पर 800*600, 1024*768 आदि। पिक्सल बहुत ही छोटे छोटे डॉट्स से बने होते है। जिन्हे मिला कर किसी भी इमेज की स्क्रीन पर प्रदर्शित किया जा सकता है। स्क्रीन पर डॉट्स के बीच की रिक्त जगह को डॉट पिच कहा जाता है। एक स्क्रीन पर पिक्चर की क्वालिटी की क्वालिटी उतनी ही बेहतर होगी।
फ्लेट पैनल मॉनिटर
एक फ्लेट पैनल मॉनिटर आम तौर पर कम्प्युटर से आउटपुट प्रदर्शित करने के लिए एक एलसीडी(LCD) का उपयोग करता है। LCD कई पतली परतो से मिलकर बनती है। जब प्रकाश इन परतो से गुजरता है, तो ये प्रकाश का ध्रुवीकरण करती है। एक परत का ध्रुवीकरण, जिसमे की लंबे पतले अणू होते है, जिसको क्रिस्टल डिस्प्ले कहा जाता है। को पिक्सेन लेबल पर निमंत्रित किया जा सकता है। जिसमे पिक्सेन का हल्का या गहरा बनाया जा सकता है। LCD प्लाज्मा डिस्प्ले भी एक फ्लैट तकनीक ही है जी की आजकल सबसे अधिक इस्तेमाल की जाती है, विशेष रूप से लेपटोप में।
प्रिंटर-
प्रिंटर इन्फोर्मेशन को स्थायी पठनीय प्रारूप में प्रदान करता है, जिसमे हम हार्ड कॉपी कहते है, आमतौर पाए आउटपुट एक कागज पर छापा या प्रिंट किया जाता है। प्रिंटर आउटपुट की गुणवता डीपीआई(DPI) में मापी जाती है। प्रिंटर को मोटे तौर पर इंपेक्ट और नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर में वर्गीकृत किया जाता है।
इम्पैक्ट प्रिंटर-
- करैक्टर प्रिंटर
- लाइन प्रिंटर
नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर
- इंक-जैट प्रिंटर
- लेजर प्रिंटर
- थर्मल प्रिंटर
- प्लांटर
करैक्टर-
इस प्रकार के प्रिंटर आम तौर पर एक समय मे एक करैक्टर प्रिंट कर सकते है। करैक्टर प्रिंटर के सबसे लोकप्रिय उदाहरण डॉट मेट्रिक्स प्रिंटर और डेजी व्हील प्रिंटर है।
लाइन प्रिंटर-
लाइन प्रिंटर एक समय मे एक पूरी लाइन प्रिंट करता है। परंपरागत रूप से लाइन प्रिंटर, चीन प्रिंटर और ड्रेम प्रिंटर के रूप मे वर्गीकृत किए जा सकते है।
नॉन इम्पेक्ट प्रिंटर-
नॉन इम्पेक्ट प्रिंटर ज्यादा तेजी से प्रिंट करते है। नॉन इम्पेक्ट प्रिंटर इम्पैक्ट प्रिंटर की तुलना में और बिना आवाज या कम आवाज के साथ काम करते है। ये करैक्टर को प्रिंट करने के लिए इम्पैक्ट वाली डिवाइस का उपयोग नहीं करते है।
इंक-जेट प्रिंटर-
घर में उपयोग के लिए प्रिंटर का सबसे आम प्रकार कलर इंक जैट प्रिंटर है। ये प्रिंटर प्रिंट हेड से स्याही को छोटी बुंदों के छिडकाव के द्वारा पेज की इमेज को निर्माण करते है।
लेजर प्रिंटर-
लेजर प्रिंटर कार्यालय और व्यवसायिक प्रयोजनों के लिए अच्छी क्वालिटी का उत्पादन करता है। ज़्यादातर लेजर प्रिंटर मोनोक्रोम होते है।
थर्मल प्रिंटर-
यह स्पेशल पेपर पर प्रिंट करने के लिए गर्म तत्वो का उपयोग करता है। इसका सबसे ज्यादा उपयोग ATM से निकालने वाली रसीद की छपाई में किया जाता है।
प्लांटर-
प्लांटर का उपयोग इंजीनियरिंग की उच्च गुणवता वाली कलाकृतियों बिल्डिंग प्लान आदि को प्रिंट करने के लिए किया जाता है।
स्पीकर-
यह मल्टीमीडिया कम्प्युटर का विस्तारक का इस्तेमाल करते है। जो कंपन निर्माण करते है, और ऑडियो आउटपुट प्रदान करते है।
मल्टीमीडिया प्रोजेक्टर-
लोगो की एक बड़ी संख्या के लिए कम्प्युटर आउटपुट प्रदर्शित करने के लिए मल्टीमीडिया प्रोजेक्टर का इस्तेमाल किया जाता है।
निष्कर्ष-
दोस्तो आज की मेरी यह पोस्ट Output Devices Kya Hai केसी लगी उम्मीद करता हु की आपको अच्छी लगी होगी। मेरा शुरू से यही लक्ष्य है की मै आपको जो भी जानकारी दु वो जानकारी आपके लिए बहुत ही ज्यादा फाइदे मंद हो और आपको किसी अन्य website पर आपको जाना ना पड़े और आपको पूरी जानकारी यही से ही मिल जाए। अगर आपको आज की इस पोस्ट में कोई भी कमी नजर आती है तो आप मुझे comment Box में comment करके जरूर बताए, मै वह कमी जरूर पूरी करूंगा। अगर आपको किसी अन्य टॉपिक पर आर्टिकल चाहिए तो आप मुझे कमेंट बॉक्स में बताए, मै उस टॉपिक पर आर्टिकल जरूर लेकर आऊँगा।